ट्रेनें आमतौर पर 22,000 वोल्ट (या 25,000 वोल्ट) पर इसलिए चलती हैं क्योंकि यह उच्च वोल्टेज स्तर उनके संचालन के लिए कई फायदे प्रदान करता है:
1. **ऊर्जा की हानि कम होती है**: उच्च वोल्टेज पर बिजली की आपूर्ति करने से तारों में ऊर्जा की हानि (लाइन लॉस) कम होती है। वोल्टेज बढ़ाने से धारा (करेंट) कम हो जाती है, जिससे प्रतिरोध के कारण होने वाली ऊर्जा हानि कम होती है।
2. **अधिक दक्षता**: उच्च वोल्टेज पर बिजली की आपूर्ति करने से ट्रेनों के संचालन की दक्षता बढ़ती है। यह ट्रेन के इंजन को आवश्यक शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।
3. **कम तारों की आवश्यकता**: उच्च वोल्टेज पर बिजली की आपूर्ति करने से बिजली के तारों की आवश्यकता कम होती है, जिससे बुनियादी ढांचे की लागत भी कम होती है।
4. **सुरक्षा और विश्वसनीयता**: उच्च वोल्टेज पर संचालन के दौरान प्रणाली अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय होती है। इससे ट्रेन के संचालन में रुकावटें कम होती हैं और ट्रेनों की गति और समयबद्धता बनाए रखने में मदद मिलती है।
इन कारणों से, उच्च वोल्टेज पर ट्रेनें चलाने से उनका संचालन अधिक प्रभावी, सुरक्षित और विश्वसनीय हो जाता है।
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